मंगलवार, 9 अगस्त 2011

एक रात और.................

कल फिर नहीं सोया मई रात को ,
सिर्फ ये सोच कर की कही फिर तू न चली आये ख्वाबो में मेरे
सच कहता हु बहुत दर्द होता है 
बहुत सारी राते यु ही नहीं सोता हू,
क्यों कुछ न बोल पाया मै ???????
अधुरा रह गया मेरा ये सवाल ,
क्या कभी पा सकूँगा इसका जवाब या ख़त्म हो जाएगी ये जिन्दगी यू ही ??????????????????????