आज भी उसी मोड़ पर खड़ा हूँ, जहाँ कभी उन्होंने कहा था हमसे..........
तुम ठहरो हम आते है और आज तक लौट के ना आये...
थक चुकी है आँखे उनका इंतजार करते-करते........
पर उम्मीद की किरणे आज भी मेरे दिल में जिन्दा है....
वक्त आ गया है किसी हमसाये के साथ का, क्या तुम सुन रही हो? क्या तुम आओगी मेरा साथ देने? मुझे जरुरत है तेरी मुझे तब भी तेरा इंतजार था आज फिर है जाने कब आओगी तुम
hahaha ..bhut acchha laga padhke...waise such hi likha hai aapne....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
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